Contact No.- Atmyogi Shri Amrendra Mohan, Lucknow U.P.
Contact No.- 8318759090
पश्चिम से पूर्व की ओर – क्रिया योग की खोज में मेरी आध्यात्मिक यात्रा
मैं 26 वर्षों तक अमेरिका में उच्च शिक्षा और सांसारिक जीवन में व्यस्त रहा। बाहर से सब कुछ व्यवस्थित और सफल प्रतीत होता था, परन्तु भीतर एक गहरा खालीपन था — आत्मा की एक मौन पुकार, जो मुझे मेरे वास्तविक स्वरूप की ओर बुला रही थी। यह आंतरिक असंतोष ही मुझे भारत वापस खींच लाया — उस पावन भूमि की ओर, जहाँ युगों-युगों से ऋषि-मुनियों ने आत्मसाक्षात्कार की राह पर चलकर परम सत्य को पाया है। पिद्दले 15 वर्षों में, मैं अनेक आध्यात्मिक केन्द्रों और गुरुओं के पास गया। प्रत्येक स्थान पर कुछ झलक मिली, परन्तु वह ठोस मार्ग नहीं मिला जिसकी मेरी आत्मा को तलाश थी।इन्हीं दिनों 2025 का महाकुंभ आया। मेरा उद्देश्य केवल संगम में स्नान करना था — गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन मिलन में डुबकी लगाना। अपार भीड़ के बावजूद, यह स्नान संभव हुआ, और यह भी ईश्वरीय योजना का ही एक भाग था।मन में कोई विचार नहीं था कि कुंभ में रुकूँगा, पर मेरे भतीजे के आग्रह पर कुछ दिन और कुंभ क्षेत्र में रुकने का निर्णय लिया। हम सेक्टर 10 में शांतिकुंज, गायत्री परिवार के शिविर में ठहरे। एक गऊ प्रेमी ने बैल चालित आटा चक्की के बारे में बताया, मैं सेक्टर 8 गया, जहाँ एक बैलों द्वारा चलने वाली पाषाण घानी (आटा चक्की) देखी। मैं वहाँ आकृष्ट हुआ — जैसे कोई अदृश्य शक्ति मुझे वहाँ खींच रही थी। और वही क्षण मेरी जीवन-यात्रा का निर्णायक मोड़ बन गया।
वहीं मेरी भेंट हुई आत्मयोगी श्री कमलेश शर्मा जी से — एक सरल, विनम्र किंतु तेजस्वी आत्मा, जिनकी उपस्थिति ही शांति और गहराई का अनुभव कराती थी। हमारी बातचीत प्रारंभ हुई, और धीरे-धीरे वह एक गंभीर आध्यात्मिक संवाद में बदल गई। वे मुझे क्रिया योग के विषय में बताते रहे — एक ऐसा मार्ग जिससे मैं पूरी तरह अनभिज्ञ था, परंतु उनके शब्द मुझे किसी भूले हुए सत्य की तरह जान पड़ते थे। ऐसा लगा मानो आत्मा किसी पुराने वचन को फिर से सुन रही हो। मैंने दो दिन उनके सान्निध्य में बिताए। उसी दौरान एक अन्य साधक अमरीश के साथ मुझे दीक्षा प्राप्त हुई। अमरीश बाद में किसी अन्य गुरु के मार्ग में चले गए, पर मेरे भीतर की खोज को दिशा मिल चुकी थी। आत्मयोगी कमलेश शर्मा जी, ने मुझे वाराणसी आने का निमंत्रण दिया — उस प्राचीन नगरी में जहाँ उनके दीक्षित शिष्य एकत्र होने वाले थे। कुंभ के इन तीन दिनों में संवाद तो गहन हुआ, पर अभ्यास का समय कम मिला। इसलिए मैंने निश्चय किया कि मैं वाराणसी अवश्य जाऊँगा — साधना को गहराई देने और सच्चे मार्गदर्शन में आगे बढ़ने के लिए। यहीं से मेरी क्रिया योग की यात्रा प्रारंभ हुई — एक ऐसा मार्ग जो शाब्दिक नहीं, बल्कि आत्मिक है; जिसे सीखा नहीं जाता, जागृत किया जाता है; जो बाहर नहीं, भीतर घटित होता है।
Contact No.- Shri Atmyogi Arvind Gupta, Vadodara, Gujrat
Contact No.- 9099547069
तृप्ति की खोज: मेरी क्रिया योग यात्रा
मैं एक कॉर्पोरेट लिमिटेड कंपनी में अधीक्षक के पद पर कार्यरत हूँ। जीवन में भौतिक उपलब्धियाँ तो बहुत मिल गईं, परंतु भीतर एक अज्ञात सी प्यास बनी रही — एक ऐसी खोज, जहां पहुंचकर आत्मा को सच्ची तृप्ति मिले।
मैंने अनेक प्रकार के ध्यान किए — कहीं मन को शांत करने की विधियाँ थीं, तो कहीं कल्पना पर आधारित ध्यान-पद्धतियाँ। परंतु हर बार कुछ अधूरा सा महसूस हुआ। भीतर एक आवाज़ कहती रही — "अभी वो नहीं मिला जिसकी आत्मा को तलाश है।"
गुरु का संदेश और आत्मा की पुकार
फिर एक दिन, मेरे व्हाट्सएप पर एक लिंक आया — आत्मयोगी कमलेश शर्मा जी द्वारा संचालित क्रिया योग ग्रुप का । मैंने सोचा, चलो इसे भी देख लेते हैं। शायद यही वो हो जिसकी खोज में इतने साल भटक रहा हूँ और वास्तव में, वही मिल गया जिसकी आत्मा को तलाश थी।
क्रिया योग: सिर्फ विधि नहीं, आत्मिक परिवर्तन है
क्रिया योग की साधना और गुरुजी की प्रतिदिन क्लास — सुबह क्रिया, शाम को गहराई से समझाना — यह मेरे लिए एक अभूतपूर्व अनुभव बन गया। उन्होंने हर साधक को व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन दिया, प्रगति को देखा, और बीच-बीच में क्रिया चेक कर यह सुनिश्चित किया कि साधक सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
आज के युग में, जब गुरु केवल वीडियो भेजकर या किताबें देकर कर्तव्य से मुक्त हो जाते हैं — ऐसे में कमलेश शर्मा जी का यह समर्पण, सच में दिव्यता का प्रमाण है।
आध्यात्मिक शांति और निर्णय क्षमता में चमत्कारी परिवर्तन
क्रिया योग करते ही मेरे भीतर एक अद्भुत ठहराव और आत्मिक शांति उत्पन्न हुई। न केवल मन स्थिर हुआ, बल्कि निर्णय लेने की शक्ति भी जागृत हुई। ऑफिस में भी कार्य कुशलता और स्पष्टता में सुधार हुआ — जैसे कि भीतर से कोई दिव्य बुद्धि मार्गदर्शन कर रही हो।
गुरुमुखी विद्या की महत्ता
जब सर ने बनारस बुलाया, तब जाना कि यह विद्या कितनी गंभीर और गुरुमुखी है — यह साक्षात सामने बैठकर ही दी जा सकती है। यह कोई ऑनलाइन सीखने योग्य प्रक्रिया नहीं, बल्कि गुरु की कृपा से प्रकट होने वाली दिव्य विद्या है।
निष्कर्ष: आत्मा की तृप्ति और लक्ष्य की प्राप्ति
अब यह स्पष्ट हो गया है कि जीवन में हम चाहे आध्यात्मिक लक्ष्य रखें या भौतिक, क्रिया योग से उन सभी की प्राप्ति संभव है — क्योंकि जब आत्मा का मार्ग सीधा होता है, तो जीवन की सभी दिशाएँ संतुलित और सफल हो जाती हैं।
"जो खोजते हैं, वो पाते हैं — लेकिन वो पाते हैं जो गुरु की शरण में जाते हैं।"
क्रिया योग सिर्फ साधना नहीं, आत्मा की घर वापसी है।
गुरु की असीम कृपा बनी रहे।
ऐ .के.गुप्ता
क्रिया योग साधक
Atmyogini Smt Sweta Gupta, Vadodara
Contact No.- 9099546938
"गुरुकृपा से बदला मेरा जीवन – एक साधिका का अनुभव"
मेरे जीवन में आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत तब हुई जब मैं अपने पतिदेव,अरविंद जी, के साथ बनारस गई। यह मेरे जीवन का एक निर्णायक मोड़ था, क्योंकि वहीं मुझे गुरुदेव (सर) से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसका सम्पूर्ण श्रेय मैं अपने पति को देती हूँ, जो पहले से ही गुरुदेव से जुड़े हुए थे।
गुरुदेव का स्वभाव अत्यंत सरल, करुणामय और केयरफुल था, जिससे मैं तुरंत प्रभावित हुई। उस समय मुझे ध्यान और क्रिया योग के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, परंतु सर ने मुझे शक्तिपात प्रदान किया — और वही क्षण मेरी आंतरिक यात्रा का आरंभ बन गया।
शक्तिपात के पश्चात, मैंने अपने स्वभाव में गहरा परिवर्तन महसूस किया। मेरा मन स्थिर होने लगा, सोच में सकारात्मकता आई, और मैं भीतर से प्रसन्न रहने लगी। उसके बाद गुरुदेव ने मुझे दीक्षा दी और मुझे क्रिया योग की साधना सिखाई — एक ऐसी विधि, जो केवल ध्यान नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है।
गुरुदेव( सर) ने जीवन के गूढ़ रहस्यों को इतनी सरलता से समझाया कि मेरे भीतर एक नयी दृष्टि का जन्म हुआ — कि आध्यात्मिकता का अर्थ संसार से भागना नहीं, बल्कि संसार में रहते हुए आत्मा से जुड़ना है।
मुझे लगता है कि गुरुदेव जैसा गुरु मिलना वास्तव में सौभाग्य की बात है, जो एक सामान्य गृहस्थ जीवन में रहकर भी हमें परमात्मा से जोड़ने का मार्ग दिखाते हैं।
आज क्रिया योग मेरे लिए साधना ही नहीं, जीवन का आधार बन गयी है।
Atmyogini Smt Usha Gohana, Sonipat Haryana
Contact No.- 9306854034
Shri Radhe Radhe🙏🏻🙏🏻Sir के साथ मिल कर तो जैसे जीवन ही बदल गया। Sir के साथ मेरी बहन ने बताया। मै Sir जी के साथ 10 mahine से ध्यान और योग क्रिया कर रही हू sir ने हमे जीरो से हीरो बना दिया। तहे दिल से धन्यवाद🙏 जमीन पर रेंगते हुए को उड़ना सिखा दिया। Sir का समझाने का तरिका इतना आसान और अद्भुत है कि बस लाजवाब धन्यवाद धन्यवाद🙏🙏🏻🌹Shri Radhe radhe🙏🏻
Atmyogini Smt Chhabu Tekam, Nagpur
Contact No.- 9623933393
"क्रिया योग ही राजमार्ग है – साधना से अनुभूति तक"
मैं और मेरे पति विगत एक वर्ष से सर की आध्यात्मिक क्रिया योग पद्धति से जुड़े है । सर ने नागपुर आने का निमंत्रण स्वीकार करके हमारे सभी रिश्तेदारों, परिचितों को इस रहस्यमयी ज्ञान से अवगत कराया कई लोगों को शक्ति पात एव क्रिया योग की दीक्षा दी जिसमें हम पति -पत्नि भी शामिल थे । सर की रेगूलर क्लास हम दोनो साथ में ही पूर्व से ही प्रतिदिन लेते रहे है जिसका क्रम आज दिनांक तक जारी है।
कल रात का सेशन मेरे लिए अत्यंत अद्भुत और ज्ञानवर्धक रहा।
कुछ ऐसी बातें जानने और अनुभव करने को मिलीं, जो न मैंने पहले कहीं पढ़ी थीं, न सुनी थीं — लेकिन उन्होंने मेरे अंतर्मन को गहराई से छू लिया।
मैंने जाना कि:
क्रिया योग क्या है, और इसका उल्लेख स्वयं श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था।
जब मन आनंद में होता है, तभी ध्यान में गहराई आती है — यह एक अमूल्य सूत्र मिला।
श्वास के प्रकार, आरोह-अवरोह, आजपा जप, और निर्विकल्प-सविकल्प, समाधि के भेद समझे।
ईड़ा, पिंगला और सुषुम्ना नाड़ियों के रहस्य और ट्वेंटी-ट्वेंटी प्राणायाम के अभ्यास से प्राणशक्ति का अनुभव हुआ।
सुबह की क्रिया योग प्रैक्टिस में अद्भुत आनंद की अनुभूति हुई।
शरीर स्थिर, मन शांत और हृदय में दिव्य कंपन था। ऐसा लग रहा था जैसे अंतर्मन में कोई सूक्ष्म ज्योति जल उठी हो।
मुझे गहराई से अनुभव हुआ कि —
> "क्रिया योग केवल साधना नहीं, यह एक जीवित अनुभव है।"
"यह वह राजमार्ग है जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है।"
गुरुदेव(सर) के मार्गदर्शन और शिष्यत्व के इस पथ पर चलना मेरे लिए एक अपार सौभाग्य है।
क्रिया योग एक ऐसा दिव्य विज्ञान है जो श्वास, चित्त और चेतना के माध्यम से हमारे अंदर की सुप्त शक्ति को जागृत करता है। यह साधना नहीं, जीवन की सच्ची दिशा है।
Atmyogi Shri Nilkanth Tekam, Nagpur
Contact No.- 9373389591
"क्रिया योग ही राजमार्ग है – साधना से अनुभूति तक"
मैं और मेरी पत्नि विगत एक वर्ष से सर की आध्यात्मिक क्रिया योग पद्धति से जुड़े है । सर ने नागपुर आने का निमंत्रण स्वीकार करके हमारे सभी रिश्तेदारों, परिचितों को इस रहस्यमयी ज्ञान से अवगत कराया कई लोगों को शक्ति पात एव क्रिया योग की दीक्षा दी जिसमें हम पति -पत्नि भी शामिल थे । सर की रेगूलर क्लास हम दोनो साथ में ही पूर्व से ही प्रतिदिन लेते रहे है जिसका क्रम आज दिनांक तक जारी है।
कल रात का सेशन मेरे लिए अत्यंत अद्भुत और ज्ञानवर्धक रहा।
कुछ ऐसी बातें जानने और अनुभव करने को मिलीं, जो न मैंने पहले कहीं पढ़ी थीं, न सुनी थीं — लेकिन उन्होंने मेरे अंतर्मन को गहराई से छू लिया।
मैंने जाना कि:
क्रिया योग क्या है, और इसका उल्लेख स्वयं श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था।
जब मन आनंद में होता है, तभी ध्यान में गहराई आती है — यह एक अमूल्य सूत्र मिला।
श्वास के प्रकार, आरोह-अवरोह, आजपा जप, और निर्विकल्प-सविकल्प, समाधि के भेद समझे।
ईड़ा, पिंगला और सुषुम्ना नाड़ियों के रहस्य और ट्वेंटी-ट्वेंटी प्राणायाम के अभ्यास से प्राणशक्ति का अनुभव हुआ।
सुबह की क्रिया योग प्रैक्टिस में अद्भुत आनंद की अनुभूति हुई।
शरीर स्थिर, मन शांत और हृदय में दिव्य कंपन था। ऐसा लग रहा था जैसे अंतर्मन में कोई सूक्ष्म ज्योति जल उठी हो।
मुझे गहराई से अनुभव हुआ कि —
> "क्रिया योग केवल साधना नहीं, यह एक जीवित अनुभव है।"
"यह वह राजमार्ग है जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है।"
गुरुदेव(सर) के मार्गदर्शन और शिष्यत्व के इस पथ पर चलना मेरे लिए एक अपार सौभाग्य है।
क्रिया योग एक ऐसा दिव्य विज्ञान है जो श्वास, चित्त और चेतना के माध्यम से हमारे अंदर की सुप्त शक्ति को जागृत करता है। यह साधना नहीं, जीवन की सच्ची दिशा है।
Atmyogini Smt Kavita Saini, New Delhi
Contact No.-9312926674
"क्रिया योग ही राजमार्ग है
राधे राधे जी
दिल्ली से मैं कविता सैनी इस ग्रुप समाधि की अनंत यात्रा से वर्ष 2024 से जुड़ी हुई हूं । इस ग्रुप के एडमिन और हमारे गुरु श्रीमान कमलेश शर्मा जी की मैं हृदय से बहुत आभारी हूँ।
सर के मार्ग दर्शन एवं शिक्षा के द्वारा मैं अपने जीवन में काफी सकारात्मक बदलाव लाने में सफल हो सकी हूं ।
प्रथम सुख निरोगी काया ,,
किंतु इससे तो मैं बहुत दूर थी ।
सर की ब्रह्म मुहूर्त की कक्षा से मैं इस सुख की खोज के लिए जुड़ी और अपने जीवन की ऊर्जा में बहुत बड़ा पॉजिटिव बदलाव पाया । सुबह की 3.25 की कक्षा को कर पाना अर्थात एक असंभव कार्य को कर पाना, सहज रूप से संभव हो पाया । केवल और केवल सर के आशीर्वाद से ।
क्रिया योग से तन और मन का स्वास्थ्य और जीवन में आध्यात्मिक उन्नति का प्रयास केवल सर की गाइडेंस से ही संभव हो पाया है।
मैं खुद को बहुत ही सौभाग्यशाली मानती हूँ कि शर्मा सर जैसे गुरु से मिलना संभव हो पाया। सर जैसे सरल स्वभाव के गुरु का मिलना आध्यात्मिक उन्नति में बहुत बड़ी उपलब्धि है और मैं इसके लिए सर के आगे नतमस्तक हूँ।
धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद ।
आभार आभार आभार।
🙏🙏🙏 🙏🙏
Atmyogi Shri Ashish Anant Rao Patil, Chhatisgarh
Contact No.- 8602530656
साधना से अनुभूति तक"
I am Ashish Patil joined this group around July 2024.I joined this group because of my PMC soul mate Mr.Nagraj whom I have known since I began meditating in year 2022-23.Since then I have started doing kriya yoga which not only benefited my physical health but also improved my mental health & increased my prana energy. I will be ever grateful to our beloved Sir Mr. Kamlesh Sharma whose dedication , punctuality & his more
than 40+ years of experience which he shares with us in each session .I have gained a lot since I joined SKAY. Apart from that our Sir initiated us in Kriya yoga which only few are capable.
Thankyou Sir & Radhe Radhe
Atmyogi Shri Ramsing ji Rathore, Mumbai
Contact No.- 9920838053
"भगवान की खोज – एक साधक की अल्हण यात्रा"
राधे राधे।
हर आत्मा किसी गहरे मौन में भगवान को पुकार रही होती है – कभी चेतन रूप में, कभी अज्ञात रूप से। मेरी यात्रा भी शायद ऐसी ही एक मौन पुकार से शुरू हुई थी।
2023 में, पहली बार एक ऑनलाइन ध्यान सत्र के दौरान मेरी भेंट कमलेश सर से हुई। वो पहली मुलाकात कोई संयोग नहीं, बल्कि मेरे भीतर उठ रही खोज की प्रतिक्रिया थी। समय-समय पर मैं ध्यान और साधना से जुड़े सवालों के लिए उन्हें फोन करता रहा।
30 सितंबर, 2024 को एक आकस्मिक कॉल के दौरान, उन्होंने अपनी कक्षा का उल्लेख किया – और वही क्षण मेरी अंतर्यात्रा की एक नई शुरुआत बन गया।
आँनलाइन कक्षा में प्रवेश करते ही जैसे जीवन में एक नया सूरज उगा। कमलेश सर ने धीरे-धीरे ध्यान, क्रिया योग, प्राणायाम, मुद्राएँ, और श्री यंत्र विद्या जैसे अद्भुत और दिव्य विषयों से हमें परिचित कराया।
साधना का अनुशासन – रात्रि 9 से 10 और प्रातः 5 से 6 – जैसे मेरे जीवन का नया ढांचा बन गया। हर कक्षा की शुरुआत "राधे राधे" के प्रेमपूर्ण उच्चारण से होती है – एक स्मरण, एक समर्पण, एक जुड़ाव।
इस नियमित साधना ने मेरे भीतर गहराई से कुछ बदलना शुरू किया। ध्यान अब केवल एक अभ्यास नहीं रहा – वह एक अनुभव बन गया। एक ऐसी अनुभूति, जिसमें मैं धीरे-धीरे अपने वास्तविक स्वरूप से परिचित हो रहा हूँ।
सर के मार्गदर्शन में मुझे अब विश्वास है कि मैं एक सच्चा क्रिया योगी बन सकता हूँ – स्वयं का स्वामी और ईश्वर से एकाकार। यह जीवन अब केवल जीने के लिए नहीं, बल्कि परम लक्ष्य को पाने के लिए है – आत्म साक्षात्कार और ईश्वर की प्राप्ति।
We use cookies to analyze website traffic and optimize your website experience. By accepting our use of cookies, your data will be aggregated with all other user data.